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मंगलवार, 27 सितंबर 2011

हे दुर्गा नमो नमः महेश्वरी.....

हे दुर्गा नमो नमः महेश्वरी 

हे काली,महाकाली दुर्गेस्वरी !
तुझको नमन करता हुआ 
तेरा आह्वान करता हुआ 
करता हूँ मैं करबद्ध प्रार्थना 
इस जग के सारे असुरों का 
फिर से संहार कर दे ओ माँ !!
मेरे बस में है ये ना 
किसी और के बस में ही है 
ये तो बस अब ओ माँ 
केवल तेरे बस में ही है 
धरती के संग खेलने वालों का 
मानवता का संहार करने वालों का 
कमजोरों का रक्त पीने वालों का 
बेबसों का चीर हरने वालों का 
वंचितों की पीर बढाने वालों का 
हर इक ऐसे असुर का अब 
सिर्फ तुम ही कर सकती हो दमन
या फिर कुछ ऐसा कर दो कि 
सच्चे लोगों में शक्ति भर दो
जो इन सबका नाश कर सके 
ऐसे लोगों को धरती में भर दो  
हे दुर्गा नमो नमः महेश्वरी 
हे काली,महाकाली दुर्गेस्वरी !!

4 टिप्‍पणियां:

Deepak Saini ने कहा…

सच्ची आराधना

आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और
शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

Kunwar Kusumesh ने कहा…

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.

Rakesh Kumar ने कहा…

बहुत सुन्दर और प्रेरक लगा आपका लेखन.

अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.

मेरे ब्लॉग पर आप आये ,इसके लिए भी आभार.
स्नेह बनाये रखियेगा.

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Arti ने कहा…

सुन्दर भावभरी प्रस्तुति, आज के दिन पढ़ के बहुत अच्छा लगा.. नवरात्री त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाये.