[1]
सुनो....सुनो.....सुनो....सुनो. ...
सब कोई मेरी खामोशी को सुनो
मैं कुछ नहीं बोलूंगा
चाहे तुम सब कुछ भी कहो
चाहे तुम मुझे हरामी कहो
या कहो कुछ भी और
कि मैं चोरों का हूँ सरदार
चाहे कहो कि मैं हूँ मक्कार
तुम चाहो तो मुझे
देश द्रोही भी कह सकते हो
मगर मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा
क्योंकि अगर मैंने कुछ भी कहा
तो हो जायेंगे बहुत जने बेनकाब !!
मेरी जबान अगर खुल गयी तो
निकल जाएगी कईयों की जान
इसीलिए
मेहरबान-कदरदान-मेजबान-मेहमान
आप इस नाचीज़ को चाहे जो कह लो
बन्दा मुस्कुराता ही रहेगा
ना आपको कुछ कहेगा ना मैडम को
जो जैसा चल रहा है वैसा ही चलेगा
कुछ ना बदला है ना बदलेगा
आप सब भी ऐसा ही कुछ करो ना
मेरी तरह निर्लिप्त हो जाओ ना सब कुछ से
फिर देखना आप सब कि कैसी शान्ति होती है
आप सब शान्ति ही चाहते हो ना ?
घबराओ मत,हम जो कुछ भी कर रहे हैं
जल्द ही आप सब देखना
मरघट जैसी शान्ति छा जाएगी सब तरफ !!
[2]
तो बोलो,
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय !!
दुनिया बड़ी खिलाड़ी,हम रह गए अनाडी
काहे को लेते हो टेंशन ओ मेरे प्यारे भाय
जितना भी लूटे ये देश को तो लूट लेने दो ना
वैसे भी तो खायेगा कोई,इनको ही खाने दो ना
जब कुछ भी नहीं है तुम सबकी अपनी औकात
तब काहे को करते हो हल्ला,मरते तो हो तुम बेबात
सब मिल के नाचो गाओ और सारे मिल के बोलो
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय !!
गाडी में चलते हैं सिकंदर,हम रह गए हैं बन्दर
मोटे चूहे खोदे देश को और हम तो हैं छुछुंदर
हम होते जाते भीतर और सारा माल उनके अन्दर
चाहे वो खोदे खाने,या बेचें वो स्पेक्ट्रम
जब है ही नहीं कुछ भी आवाज़ में तुम्हारी दम
काहे को भईया फोड़ते हो नारों के ये फालतू बम
सारे ही आओ मिल कर सब आज मौज मनाओ
देश की इस हालत का तुम भी मजाक उड़ाओ
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय !!
आओ ओ मेरे बच्चों इक कथा तुम्हें सुनाऊं
परियों के लोक में आज मैं तुम्हें ले जाऊं
क्या करोगे तुम भी जानकर अपने वतन की हालत
तुम भी बनाते रहना बस अपनी खुद की ही सेहत
मरती हो गर इंसानियत तो मर जाने दो तुम उसको
डार्लिंग तुम्हारी बैठी है बस किस करो तुम उसको
पापा-मम्मी तुम्हारे,तुम्हारा कैरियर आगे बढाएं
कोई दुल्हन या दामाद लाकर परिवार आगे बढाएं
तुम भला कौन हो वतन के और क्या है वतन तुम्हारा
और है भी क्या भला कुल मिलाकर इतिहास हमारा
आओ चलें करें कोई पार्टी रेव और नंग-धडंग गायें
और जो करे हमारी निंदा उसे गोली मार गिराएं
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय
चिंता-ता चिता-चिता कोई चिंता नाय !!
सोचता तो हूँ कि एकांगी सोच ना हो मेरी,किन्तु संभव है आपको पसंद ना भी आये मेरी सोच/मेरी बात,यदि ऐसा हो तो पहले क्षमा...आशा है कि आप ऐसा करोगे !!